इमोशनल शायरी एस.एम.एस.
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आंसुओं से ही सही भर गया दामन मेरा
हाथ तो मैंने उठाये थे दुआ किसकी थी,
मेरी आहों की जबान कोई समझता कैसे
जिन्दगी इतनी दुखी मेरे सिवा किसकी थी.
-- मुजफ्फर वारसी