Friday, December 19, 2014

निदा फाजली - दिल को छू लेने वाली शायरी


निदा फाजली - दिल को छू लेने वाली शायरी
NIDA FAJLI - BEST SHAYRI

आईना देख के निकला था मैं घर से बाहर,
आज तक हाथ में महफूज है पत्थर मेरा।

हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी,
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी।

बाग में जाने के आदाब हुआ करते हैं,
किसी तितली को न फूलों से उड़ाया जाए।

क्या जाने यह आज का पत्थर दिल इंसान,
बच्चों के दुखदर्द में रोता है भगवान।

ऐ शाम के फरिश्तों जरा देख के चलो,
बच्चों ने साहिलों पे घरौंदे बनाये हैं।

घास पर खेलता है एक बच्चा
पास मां बैठी मुस्कुराती है।
मुझको हैरत है जाने क्यों दुनिया
मंदिरों-मस्जिदों में जाती है।

-- निदा फ़ाजली


Monday, December 15, 2014

नववर्ष 2017 - बेस्ट हिन्दी शायरी


नववर्ष 2017 - बेस्ट हिन्दी शायरी 
NEW YEAR 2017 - BEST HINDI SHAYRI

साल भर मागूंगा खुशियों की दुआ तेरे लिए,
साथ कुछ दिन साल के रख लो अगर मेरे लिए।
-- नामालूम

पुराने साल का पुराना गम भूल जा मेरे हमदम,
नये साल में खुशियां हो ज्यादा और दुख हो कम।
-- नामालूम

हजार बार नये साल का नया सूरज,
लुटा चुका है शुआएं महल सराओं पर।
मगर बुझा सा अभी तक है झोपड़ों का दीया,
चिमट रही है सियाही गरीब खानों पर।
-- नदीम कासिमी

जग पुराना है चाँद-सूरज भी,
इस नये साल में नया क्या है।
-- सुखनवर हुसैन

गुजिश्ता साल में जो कुछ हुआ बुरा ही हुआ,
उम्मीद है ये नया कुछ भला होगा।
-- काविश हैदरी

ताजा हवा के झोंकों से खुलती है सरहदें,
बिछड़े हुए लोगों को मिलाएगा नया साल।
-- स्व. इशरत मीर

कई साल से कुछ खबर ही नहीं,
कहाँ दिन गुजारा कहाँ रात की।
-- डॉ. बशीर बद्र


Friday, November 7, 2014

Best Hindi Shayri बेस्ट हिन्दी शायरी -


Best Hindi Shayri बेस्ट हिन्दी शायरी -

Frishte se behtar hai insan bnna
Magar ismen pdti hai mehnat jiyada.
-- Janab Hali

Do muraden jo mili char tmnnayen ki
Hmne khud kalb me aaram ko rhne n diya.
-- Akbar Ilahabadi

Tere kuche is bahane mujhe din se rat krna
Kabhi isse bat krna kabhi usse bat krna.
-- Janab Mushafi

फरिश्ते से बेहतर है इंसान बनना
मगर इसमें पड़ती है मेहनत जियादा।
-- जनाब हाली

दो मुरादें जो मिली चार तमन्नाएं की
हमने खुद कल्ब में आराम को रहने न दिया।
-- अकबर इलाहाबादी

तेरे कूचे इस बहाने मुझे दिन से रात करना
कभी इससे बात करना कभी उससे बात करना।
-- जनाब मुसहफी


Wednesday, October 22, 2014

दीपावली 2014 - दीपपर्व पर बेहतरीन शायरी


दीपावली 2014 - दीपपर्व पर बेहतरीन शायरी
BEST HINDI SHAYRI ON DIWALI 2014 -
बेस्ट शायरी दीवाली 2014 -

SIRF IS MUHBBAT KI ROSHANI TO BAKI HAI,
VRNA JIS TARAF DEKHO, DOOR TK ANDHERA HAI.
-- KAMAR SIDDIKI

JIN CHIRAGON SE TASSUM  KA DHUAAN UTHTA HAI,
UN CHIRAGON KO BUJHA DO KI UJALA HO JAYE.
-- AMIR KJLBAS

UJALE APNI YADON KE HMARE PAS RHNE DO,
N JANE KIS GLI ME, JINDGI KI SHAM HO JAYE.
-- BASHIR BADRA

GUJRTE VAKT KE BUJHTE HUYE CHIRAGON SE,
NYE CHIRAG JLAO TO KOI BAT BNE.
-- MAHIR IKBAL ILAHABADI

दीपावली 2014 - दीपपर्व पर बेहतरीन शायरी 

सिर्फ इस मुहब्बत की रोशनी तो बाकी है,
वरना जिस तरफ देखो, दूर तक अंधेरा है।
-- कमर सिद्दीकी

जिन चिरागों तअस्सुम का धुआं उठता है,
उन चिरागों को बुझा दो कि उजाला हो जाए।
-- अमीर कजलबास

उजाले अपनी यादों के हमारे पास रहने दो,
न जाने किस गली में, जिंदगी की शाम हो जाए।
-- बशीर बद्र

गुजरते वक्त के बुझते हुए चिरागों से,
नये चिराग जलाओ तो कोई बात बने।
-- माहिर इकबाल इलाहाबादी

Saturday, October 18, 2014

मुहब्बत पर बेहतरीन शायरी -


BEST SHAYRI ON MUHBBAT -

मुहब्बत पर बेहतरीन शायरी -

Muhbbat ko hnsi khel aaj tune kah diya nadan
Khabar hai kuchh muhbbat ki? Bdi tklif hoti hai.
-- Firak

Mujhko tujhse jo kuchh muhbbat hai
Yh muhbbat nhin hai aaft hai.
-- Dard

Yah buton ki muhbbat bhi kya chij hai,
Dillagi-dillagi me khuda mil gya.
-- Fna kanpuri

Ab itra bhi mlo to muhbbat ki boo nhin,
Vo din hwa huye ki psina gulab tha.
-- Madhoram 'Jauhar'

'Anis' aasan nhin aabad krna ghar muhbbat ka,
Ye unka kam hai jo jindgi barbad karte hain.
-- Meer Anis

-- मुहब्बत पर बेहतरीन शायरी -

मुहब्बत को हंसी-खेल आज तूने कह दिया नादां
खबर है कुछ मुहब्बत की? बड़ी तकलीफ होती है।
-- फिराक

मुझको तुझसे जो कुछ मुहब्बत है
यह मुहब्बत नहीं है, आफत है।
-- दर्द

यह बुतों की मुहब्बत भी क्या चीज है।
दिल्लगी-दिल्लगी में खुदा मिल गया।।
-- फना कानपुरी

अब इत्र भी मलो तो मोहब्बत की बू नहीं,
वो दिन हवा हुए कि पसीना गुलाब था।
-- माधोराम "जौहर"

'अनीस' आसां नहीं आबाद करना घर मुहब्बत का,
ये उनका काम है जो जिंदगी बर्बाद करते हैं।
-- मीर अनीस


Monday, October 6, 2014

गम पर बेहतरीन शायरी BEST SHAYRI ON GAM :-


गम पर बेहतरीन शायरी
Samajh kar raham dil, tumko diya tha hmne dil apna.
Magar tum to bla nikle gjb nikle sitam nikle.
-- Dag

Isse badhkar dost koi dusra hota nhin.
Sab juda ho jaye gam juda hota nhin.
-- Jigar

Koi hans ke mra duniya men, koi ro ke mra.
Jindgi paai mgr usne, jo kuchh hoke mra.
-- Akbar

Kitne gmon ko hmne, hns kar chhupa liya hai,
Kuchh gam ' amir' lekin, ashkon me dhal rhe hain.
-- Amir

Aankhe kisi ke husn ka manjar liye huye,
Roti hai aansuon ka samndar liye huye.
-- Falak Dehlvi

समझ कर रहमदिल, तुमको दिया था हमने दिल अपना।
मगर तुम तो बला निकले गजब निकले सितम निकले।।
-- दाग

इससे बढ़कर दोस्त कोई दूसरा होता नहीं।
सब जुदा हो जाए गम जुदा होता नहीं।
-- जिगर

कोई हँस के मरा दुनिया में, कोई रो के मरा।
जिंदगी पाई मगर उसने, जो कुछ हो के मरा।।
-- अकबर

कितने गमों को हमने, हँस कर छुपा लिया है।
कुछ गम 'अमीर' लेकिन, अश्कों में ढल रहे हैं।।
-- अमीर

आंखे किसी के हुस्न का मंजर लिए हुए,
रोती है आंसुओं का समन्दर लिए हुए।
-- फलक देहलवी

Thursday, September 4, 2014

मुहब्बत पर बेहतरीन शायरी :-


मुहब्बत पर बेहतरीन शायरी :-

Apni tabahiyon ka mujhe koi gm nhin,
Tumne kisi ke sath muhbbt nibha to di.
-- Sahir Ludhiyanvi

Galat hai dil ka lgana bura hai,
Muhbbt ka lekin jmana bura hai.
-- raunak

Dil dard muhbbt se khali n mila koi,
In aag ke sholon se damn n bcha koi.
-- 'Umar'

Shabe-gm me tare lutata rha hun,
Muhbbt me aansu bhata rha hun.
-- 'Anvr' Aajmi

Ab iske shiva aur muhbbt me rha kya,
Aai jo teri yad to aansu nikl aaye.
-- Asgr mushtaq

अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं,
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।
-- साहिर लुधियानवी

गलत है दिल का लगाना बुरा है,
मुहब्बत का लेकिन जमाना बुरा है।
-- रौनक

दिल दर्द मुहब्बत से खाली न मिला कोई,
इन आग के शोलों से दामन न बचा कोई।
-- उमर

शबे-गम में तारे लुटाता रहा हूं,
मुहब्बत में आंसू बहाता रहा हूं।
-- अनवर आजमी

अब इसके सिवा और मुहब्बत में रहा क्या,
आई जो तेरी याद तो आंसू निकल आये।
-- असगर मुश्ताक


Sunday, August 17, 2014

Krishna Janmastami 2014 Special Shayri


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शायरी SMS -
जन्माष्टमी विशेष ( 18 अगस्त 2014) - गजल

वृंदावन के कृष्ण कन्हैया अल्ला हू,
बंसी, राधा, गीता, गैया अल्ला हू.
थोड़े तिनके, थोड़े दाने, थोड़ा जल,
एक ही जैसी हर गोरैया अल्ला हू.
जैसा जिसका बरतन वैसा उसका तन,
घटती-बढ़ती गंगा मैया अल्ला हू.
मौलवियों का सज्दा, पंडित की पूजा,
मजदूरों की हैया-हैया अल्ला हू.
राजस्थानी राखी मुगल कलाई पर,
चिश्ती के वरदान का भैया अल्ला हू.
एक ही दर्या-नीला, पीला,लाल, हरा,
सबकी अपनी-अपनी नैया अल्ला हू.
                         -- निदा फाजली

Thursday, August 14, 2014

15 AUGUST 2014 - INDEPENDENCE DAY 2014 शायरी SMS :-


15 AUGUST 2014 - INDEPENDENCE DAY 2014 शायरी SMS

15 अगस्त 2014 - स्वतंत्रता दिवस पर शेरो शायरी :- 

वतन की राह पे मरना तो सीखिये पहले, 
पता चलेगा के ये मौत जिंदगी भी है।
-- सुहैल लखनवी

जान लोगे अपनी मिट्टी से जुदा रहने का कर्ब,
होगे जब परदेश में अक्सर वतन याद आएगा।
-- रूहत सईद अख्तर

ऐसे घर में रहना कैसा जो परदेश में हो,
अपने वतन की कुटिया यारो हमको ताजमहल।
-- जमाल हसन

हुआ जाता है कैसे मुल्क पर कुर्बान लिख देना,
तुम अपने खून से घर-घर में हिन्दुस्तान लिख देना।
-- नामालूम

जो लोग वतन के लिए मिट्टी में मिले हैं,
उन लोगों की मिट्टी से यहां फूल खिले हैं।
-- जिगर जालंधरी

Saturday, August 2, 2014

Friendship Day Best Shayri SMS (3 August 2014) :-


Friendship Day Best Shayri SMS (3 August 2014) :-
फ्रेंडशिप डे पर बेहतरीन शायरी (3 अगस्त 2014) -

बहुत छोटे हैं मुझसे मेरे दुश्मन,
जो मेरा दोस्त है मुझसे बड़ा है।
-- अहतर नफ़ीस

दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त बन जाएं तो शर्मिन्दा न हों।
-- डॉ. बशीर बद्र

ऐ दोस्त आ भी जा के मैं तसदीक कर सकूं,
सब कह रहे हैं आज फ़िजा खुशगवार है।
-- ख़ुमार बाराबंकवी

न किसी दोस्त ने पूछा न किसी दुश्मन ने,
मुद्दतों शहर में अपना यही सामान रहा।
-- तोराब शैदा

न जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,
जाने कब जिंदगी की शाम आ जाए,
मुझे उस दिन का इन्तेजार है ऐ दोस्त,
मेरी जिंदगानी तेरे काम आ जाए।
-- आसिफ रजा

Friday, July 25, 2014

महान शायरों की हृदयस्पर्शी शायरी -


महान शायरों की हृदयस्पर्शी शायरी :-

गुन्चों के मुस्कुराने पे कहते हैं हंस के फूल।
अपना करो ख्याल, हमारी तो कट गई।।
-- शाद अजीमाबादी

फूल बनने की तमन्ना हर कली के दिल में है।
फस्ले-गुल है मुनित्जीर गुलशन में कब आते हैं आप।।
-- शमीम काकोरवी

अब इत्र भी मलो तो मुहब्बत की बू नहीं।
वो दिन हवा हुए कि पसीना गुलाब था।।
-- माधोराम 'जौहर'

वो हैं कि हर इक सांस पे इक ताजा सितम है,
हम हैं कि किसी बात का शिकवा नहीं करते।
-- फलक देहलवी

जिंदगी की राहों में, गम भी साथ चलते हैं,
कोई गम में हंसता है, कोई गम में रोता है।
-- खातिर गजनवी


Tuesday, July 15, 2014

Best Shayri :-


बेस्ट शायरी

इस चांदी के इक टुकड़े पर जां जाती है सर कटता है,
बेवा की जवानी लुटती है, मुफ़लिस का नशेमन जलता है।
हाँ, तेरी ही भोली बहनों के दिल इससे लुभाए जाते हैं,
चाँदी के ख़ुदाओं के दर पर मन भेंट चढ़ाए जाते हैं।
                                -- सुरैया 'नजर' फैजाबादी

रोशनी औरों के आंगन में गवारा न सही,
कम से कम अपने ही घर में तो उजाला कीजे।
क्या खबर कब वो चले आएंगे मिलने के लिए
रोज पलकों पे नई शम्में जलाया कीजे।
                                  -- राईस अख्तर

Thursday, July 3, 2014

बेस्ट शायरी Best Shayri :-


गुलशन वही, बहार वही, बुलबुलें वही,
लेकिन गुलों के हुस्न में, वो बात अब कहां ?
-- असर उस्मानी

जाने वाले कभी नहीं आते,
जाने वालों की याद आती है।
-- सिकंदर अली 'वज्द'

जिन्हें शक हो वो करें और खुदाओं की तलाश,
हम तो इंसान को दुनिया का खुद कहते हैं।
-- फिराक

हम इश्क के मारों का, बस इतना ही अफसाना है।
रोने को नहीं कोई, हंसने को जमाना है।
-- जिगर

खत्म होगा न जिंदगी का सफर।
मौत बस रास्ता बदलती है।।
-- साहिल मानिकपुरी


Saturday, June 14, 2014

Fathers Day Hindi Shayri SMS (15 June 2014) :-


फादर्स डे हिन्दी शायरी एस.एम.एस. (15 जून 2014) :-

तपती जिंदगी में
घनी छांव है पिता,
प्यार का निर्मल
बहाव है पिता,
अनुभवों की खान
है पिता,
हम सबका सम्मान
है पिता।

Happy Fathers Day.
फादर्स डे की हार्दिक शुभ कामनाएं

जिंदगी की धूप से बचने
आज फिर उसके पास आया हूं,
वो पिता मेरे आंगन में लगे
नीम के पेड़ जैसा है।

उन उँगलियों का स्पर्श आज भी याद है,
जिनसे इन कदमों में जान आती थी।

बेफ़िक्री का आलम कभी ऐसा न था
जो बचपन में पिता के आस पास होती थी।

Thursday, June 12, 2014

दिल्लगी :- शेरो शायरी


बढ़ा के प्यास मेरी उसने हाथ छोड़ दिया,
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह।
-- कतील शिफाई

होठों के पास आये हंसी क्या मजाल है,
दिल का मुआमला है कोई दिल्लगी नहीं।
-- बहजाद लखनवी

अच्छी नहीं होती है गरीबों से दिल्लगी,
टूटा कहीं जो दिल तो बनाया न जायेगा।
-- शकील बदायूनी

जख्म पे जख्म रग के जी, अपने लहू के घूंट पी,
आह न कर लबों को सी इश्क है दिल्लगी नहीं।
-- एहसान दानिश

हमारे सर की फटी टोपियों पे तंज न कर,
हमारे ताज अजायब घरों में रख्खे हैं।
-- डॉ. बशीर बद्र


Sunday, May 25, 2014

अहमद फराज के गजल :-


वो चांद जो मेरा हमसफर था
दूरी के उजाड़ जंगलों में
अब मेरी नजर से छुप चुका है
इक उम्र से मैं मलूलो-तन्हा
जुल्मात की रहगुजार में हूं
मैं आगे बढूं कि लौट जाऊं
क्या सोच के इंतजार में हूं
कोई भी नहीं जो यह बताए
मैं कौन हूं किस दयार में हूं।

-- मलूलो-तन्हा = दुखी और अकेला
-- जुल्मात = अंधेरा
-- रहगुजार = रास्ते

Sunday, May 18, 2014

हिन्दी शायरी Best Hindi Shayri -


लड़कपन जिद में रोता था, जवानी दिल को रोती है
न जब आराम था साकी, न अब आराम है साकी।
-- जोश मलीहाबादी

फूल तो दो दिन बहारे-जांफजां दिखला गए
हसरत उन गुन्चों पे है जो बिन खिले मुरझा गए।
-- जौक

खत्म होगा न जिंदगी का सफर,
मौत बस रास्ता बदलती है।
-- साहिर मानिकपुरी

मुझको तड़पाने वाले बस इतना बता,
कोई कब तक किसी के सहारे जिए।
-- वफा मेरठी

जमाने का शिकवा न कर रोने वाले,
जमाना नहीं साथ देता किसी का।
-- लतीफ़ अनवर


Saturday, May 10, 2014

Mothers Day (11 May 2014) Hindi Shayri


मदर्स डे माँ को समर्पित पंक्तियां -


मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू

मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना।
---
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती।
---
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती।
---
किसी को घर मिला हिस्से में या दुकाँ आई
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई.
---
भूखे बच्चों की तसल्ली के लिये,
माँ ने फिर पानी पकाया देर तक.
---
ये ऐसा कर्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता
मैं जब तक घर न लौटू मेरी माँ सजदे में रहती है.
---
बरबाद कर दिया हमें परदेस ने मगर
माँ सबसे कह रही है बेटा मज़े में है.

-- मुनव्वर राणा 


Monday, May 5, 2014

महान शायरों के हृदयस्पर्शी शेर ओ रुबाइयाँ :-


जो दिल की है, वो बात नहीं होती
जो दिन न हो, वो रात नहीं होती
मिलते तो हैं अक्सर, जमाने से जोश
पर अपने आप से मुलाकात नहीं होती।
-- जोश मलीहाबादी

जो चाहिए देखना, न देखा हमने
हर-शै-पे किया है गौर क्या हमने
औरों का समझना तो मुश्किल है
खुद क्या हैं इसी को कुछ न समझा हमने।
-- शाद अजीमाबादी

करते नहीं कुछ काम तो, काम करना क्या आये
जीते-जी जान से गुजरना क्या आये
रो-रो के मौत मांगने वालों को
जीना नहीं आ सका तो मरना क्या आये।
-- 'फ़िराक' गोरखपुरी

इश्क ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के।
-- ग़ालिब

निगाहें तोड़ लेती हैं, मुहब्बत की अदाओं को,
छुपाने से जमाने भर में शोहरत और होती है।
-- वामिक जौनपुरी

Friday, April 18, 2014

धूप में शेरो-शायरी के छांव :-


लम्हों की कद्र कीजिये वर्ना ये जिंदगी
यूं ही गुजर न जाये कहीं धूप- छांव में।
-- नाजिर सिद्दकी

जीस्त का बोझ उठाये हुए चलते रहिये,
धूप में बर्फ की मानिंद पिघलते रहिये।
-- मेराज

यूं किस तरह कटेगा कड़ी धूप का सफर,
सर पर ख्याले यार की चादर ही ले चलें।
-- फ़िराक गोरखपुरी

आप जिस धूप की तेजी से खौफ खाते हैं,
हमने उस धूप में ये जिंदगी तपायी है।
-- स्व. इशरत मीर

अपने को रहम के साये में न पलने देना,
जिंदगानी की कड़ी धूप में जलने देना।
-- साहिर लुधियानवी


Thursday, April 10, 2014

धूप पर इनके अंदाजे बयां -


धूप पर इनके अंदाजे बयां -

धूप में चलने की आदत है हमें बचपन से,
जलने लगते हैं कदम छांव में जब होते हैं।
-- डॉ. अब्बास नैय्यर

खो देंगे वजूद अपना ये धूप की नगरी है,
क्यूं , के टुकड़ों पर ख्वाबों को सजाता है।
-- युसूफ सागर

यहां दरख्तों के साये में धूप लगती है,
चलो यहां से चलें और उम्र भर के लिए।
-- दुष्यंत कुमार

जल रहा हूं दोपहर की धूप में तनहा खड़ा,
सर पे सूरज है मेरे कदमों के नीचे छांव है।
-- खलील रामपुरी

आपको मखमली बिस्तर पे नहीं नींद नसीब,
तपिश में धूप की तपते हैं ये मजदूर गरीब।
-- शौक जालंधरी

Sunday, April 6, 2014

अहमद फराज के गजल :-


अहमद फराज के गजल :-

ऐसे चुप है कि ये मंजिल भी कड़ी हो जैसे,
तेरा मिलना भी जुदाई की घड़ी हो जैसे।
अपने ही साये से हर गाम लरज जाता हूं,
रास्ते में कोई दीवार खड़ी हो जैसे।
कितने नादां हैं तेरे भूलने वाले कि तुझे,
याद करने के लिए उम्र पड़ी हो जैसे।
मंजिलें दूर भी हैं, मंजिलें नजदीक भी हैं,
अपने ही पावों में जंजीर पड़ी हो जैसे।
आज दिल खोल के रोए हैं तो यों खुश हैं 'फ़राज'
चंद लम्हों की ये राहत भी बड़ी हो जैसे।
-- अहमद फराज़ (मशहूर पाकिस्तानी शायर)

Saturday, April 5, 2014

जनाब साकिब लखनवी के शेर :-

बू-ए-गुल फूलों में रहती थी मगर रह न सकी
मैं तो कांटों में रहा और परीशां न हुआ।
-- साकिब लखनवी

Wednesday, April 2, 2014

जनाब अकबर इलाहाबादी के शैर :-


Janab Akbar Ilahabadi ke Sher -

उन्हीं के मतलब की कह रहा हूं,
जबान मेरी है बात उनकी।
उन्हीं की महफ़िल संवारता हूं,
चिराग मेरा है रात उनकी।
फकत मेरा हाथ चल रहा है,
उन्हीं का मतलब निकल रहा है।
उन्हीं का मजमूं, उन्हीं का कागज,
कलम उन्हीं की, दवात उनकी।
                -- अकबर इलाहाबादी

Friday, March 28, 2014

जनाब इक़बाल का शैर :-


Janab Eqbal Sher -

खुदा तो मिलता है इंसान ही नहीं मिलता
यह चीज है कि देखी कहीं नहीं मैंने।

                              -- जनाब इक़बाल

Saturday, March 22, 2014

Mirja Galib ke sher मिर्जा ग़ालिब के शेर :-


मिर्जा ग़ालिब के शेर :-

'ग़ालिब' न कर हुजूर में तू बार बार अर्ज,
जाहिर है तेरा हाल सब उस पर कहे बगैर।
                            -- ग़ालिब साहब

Thursday, March 20, 2014

जिगर मुरादाबादी का शैर :-


गुलशन परस्त हूं मुझे गुल ही नहीं अजीज
कांटों से भी निबाह किये जा रहा हूं मैं।

                            --जिगर मुरादाबादी

Monday, March 17, 2014

HOLI 2014 BEST SHAYRI IN HINDI :-


HOLI 2014 BEST SHAYRI IN HINDI :- 

EK RANG BHARI PICHKARI
VO ANGIYA PR TK MARI HO,
SINE SE RANG DHLKTE HO
TB DEKH BAHAREN HOLI KI.

BHUL KE SARE BHED BHAW
KHELO JM KR HOLI,
RANG BHRE AAKASH SE
BHAR LO KHUSHIYON KI JHOLI.

Thursday, March 13, 2014

होली के रंग शायरों के संग :-


होली विशेष 17 मार्च 2014 - शेरो-शायरी -
होली शायरी -
होली के रंग शायरों के संग :-

इक रंग भरी पिचकारी वो अँगिया पर तक कर मारी हो,
सीने से रंग ढलकते हों तब देख बहारें होली की!
                               -- 'नजीर' अकबराबादी

'नजीर' होली का मौसम जो जग में आता है
वह ऐसा कौन है होली नहीं मनाता है
कोई तो रंग छिड़कता है कोई गाता है
जो खाली रहता है वह देखने को जाता है।
                               -- नजीर अकबराबादी


होली पर नजीर अकबराबादी के काव्य फुहार :-


होली 2014 - शेरो-शारी 
होली पर नजीर अकबराबादी के काव्य फुहार :-

जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की
और दफ़ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की
परियों के रंग दमकते हों तब देख बहारें होली की
ख़ुम, शीशए-जाम छलकते हों तब देख बहारें होली की

महबूब नशे में छकते हों तब देख बहारें होली की.

गुलजार खिले हों परियों के और मजलिस की तैयारी हो
कपड़ों पर रंग के छीटों से खुश रंग अजब गुलकारी हो
मुंह लाल, गुलाबी आंखे हों और हाथों में पिचकारी हो
उस रंग भरी पिचकारी को अंगिया पर तक कर मारी हो

सीनों से रंग ढलकते हों तब देख बहारें होली की।

और एक तरफ़ दिल लेने को महबूब भवैयों के लड़के
हर आन घड़ी गत भरते हों कुछ घट-घट के कुछ बढ़-बढ़ के
कुछ नाज जतावें लड़-लड़ के कुछ होली गावें अड़-अड़ के
कुछ लचकें शोख़ कमर पतली कुछ हाथ चले कुछ तन फडकें

कुछ काफ़िर नैन मटकते हों तब देख बहारें होली की।

                                               -- नजीर अकबराबादी

Thursday, February 27, 2014

महाशिवरात्रि पर्व विशेष (27 फरवरी 2014) :-


महाशिवरात्रि पर्व विशेष (27 फरवरी 2014) :-

ॐ नम: शिवाय
भगवान शंकर आपके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि लेकर आये। आपकी हर मनोकामना पूरी हो। "महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभ कामनाएं".
शुभ महाशिवरात्रि
Mahashiv ratri ki hardik shubh kamnayen. SHUBH MAHA SHIV RATRI.


Sunday, February 23, 2014

बशीर बद्र की गजल :-


बशीर बद्र की गजल -

सब कुछ खाक हुआ है लेकिन क्या नूरानी है
पत्थर नीचे बैठ गया है ऊपर बहता पानी है।

बचपन से मेरी आदत है फूल छुपाकर रखता हूं
हाथों में जलता सूरज है दिल में रात की रानी है।

दफ्न हुए रातों के किस्से इक ,की ख़ामोशी में
सन्नाटों की चादर ओढ़े ये दीवार पुरानी है।

उसको पाकर इतराओगे खोकर जान गवां दोगे
बादल का साया है दुनिया, हर शै आनी-जानी है।

तेरे बदन पर मैं फूलों से उस लम्हे का नाम लिखूं
जिस लम्हें का मैं अफ़साना, तू भी एक कहानी है।

                                         -- बशीर बद्र

प्रेम पर निदा फ़ाजली का शेर :-


प्रेम पर निदा फ़ाजली का शेर -

मोहब्बत एक खुशबू है हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हां नहीं रहता।
                                   -- निदा फ़ाजली

Saturday, February 8, 2014

Valentine Day best Hindi Shayri :-


VALENTINE DAY SPECIAL 2014 -

-- Roj khud se ek wada krta hun
tujhe is dil se bhulane ka irada krta hun,
apni hi bat se mukr jata hun
jane kyun tujhe pyar itna jyada krta hun.

-- Ikrar me shabdo ki ahmiyat nhin hoti
Dil ke jjbat ki aawaj nhin hoti,
Aankhe byan kr deti hai dil ki dastan
Mohbbt lfjon ki mohtaj nhin hoti.

-- Jhuki hui palkon se unka didar kiya
Sb kuchh bhula ke unka intjar kiya,
wo jan hi n paye jjbat mere
Jinhe duniya me maine sbse jyada pyar kiya.

-- khushiyon ka sansar lekar aayenge
Patjhd me bhi bahar lekr aayenge,
Jb bhi pukarenge aap pyar se hme
Jindgi se sanse udhar lekr aayenge.


Wednesday, February 5, 2014

वेलेंटाइन डे बेस्ट हिन्दी शायरी :-


वेलेंटाइन डे विशेष  - 
Valentine Day Best Hindi Shayri - 
Valentine Day Best Quots in Hindi -

-- दर्द को छुपाना कितना मुश्किल होता है
दिल टूटे तो मुस्कुराना कितना मुश्किल होता है,
सफर में जब कोई हो हर पल साथ तो
तन्हा लौट कर आना कितना मुश्किल होता है।

--
खुदा किसी को किसी पे फ़िदा ना करे,
फ़िदा करे तो कयामत तक जुदा ना करे।

--
हर एक शै है मोहब्बत के नूर से रौशन
ये रौशनी जो न हो जिंदगी अधूरी है।

--
तू नहीं तो जिंदगी में क्या रह जायेगा
दूर तक तन्हाइयों का वीराना रह जायेगा,
किसी भी राह में दूर न जाना ऐ दोस्त
वरना बिना प्यार के ये जमाना रह जायेगा।

--
हर घड़ी किसी का इंतजार होता है
जाने क्यूं ये दिल बेकरार होता है,
काश कोई समझ पाता इन खामोशियों को
खामोश रहने वालों को भी किसी से प्यार होता है।


Sunday, February 2, 2014

बसंत पंचमी शायरी (4 फरवरी 2014) :-


BASANT PANCHMI SHAYRI 2014 -

जब देखिये बसंत कि कैसी बसंत हो
आलम में जब बहार की लंगत हो
दिल को नहीं लगन ही मजे की लंगत हो
महबूब दिलबरों से निगह की लडंत हो
इशरत हो सुख हो ऐश हो और जी निश्चिन्त हो
जब देखिए बसंत कि कैसी बसंत हो।
                         -- नजीर अकबराबादी


Friday, January 24, 2014

गणतंत्र दिवस शायरी एस.एम.एस. 2014 :-


गणतंत्र दिवस शायरी एस.एम.एस. 2014 :-

मुल्क में ऐ दोस्तों इक इंकिलाब आने को है,
हर सवाले यास खुद लेकर जवाब आने को है।
                                     --गुलाम रब्बानी 

हुआ जाता है कैसे मुल्क पर कुर्बान लिख देता,
तुम अपने खून से घर-घर में हिन्दुस्तान लिख देना।
                                     -- नामालूम 

वतन के वास्ते ये जान क्या है,
नहीं है इश्क तो ईमान क्या है।
मैं हिन्दुस्तान का सच्चा सिपाही,
मेरी नजरों में पाकिस्तान क्या है।
                                     -- सुखनवर हुसैन 

अहले वतन समझते हैं उनको इमामे-हिन्द,
है राम के वजूद पे हिंदुस्तान को नाज।
                                     -- इक़बाल 

ऐसे घर में रहना कैसा जो परदेश में हो,
अपने वतन की कुटिया यारो हमको ताजमहल।
                                      -- जमाल हसन