लड़कपन जिद में रोता था, जवानी दिल को रोती है
न जब आराम था साकी, न अब आराम है साकी।
-- जोश मलीहाबादी
न जब आराम था साकी, न अब आराम है साकी।
-- जोश मलीहाबादी
फूल तो दो दिन बहारे-जांफजां दिखला गए
हसरत उन गुन्चों पे है जो बिन खिले मुरझा गए।
-- जौक
हसरत उन गुन्चों पे है जो बिन खिले मुरझा गए।
-- जौक
खत्म होगा न जिंदगी का सफर,
मौत बस रास्ता बदलती है।
-- साहिर मानिकपुरी
मौत बस रास्ता बदलती है।
-- साहिर मानिकपुरी
मुझको तड़पाने वाले बस इतना बता,
कोई कब तक किसी के सहारे जिए।
-- वफा मेरठी
कोई कब तक किसी के सहारे जिए।
-- वफा मेरठी
जमाने का शिकवा न कर रोने वाले,
जमाना नहीं साथ देता किसी का।
-- लतीफ़ अनवर
जमाना नहीं साथ देता किसी का।
-- लतीफ़ अनवर
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