फादर्स डे हिन्दी शायरी एस.एम.एस. (15 जून 2014) :-
तपती जिंदगी में
घनी छांव है पिता,
प्यार का निर्मल
बहाव है पिता,
अनुभवों की खान
है पिता,
हम सबका सम्मान
है पिता।
घनी छांव है पिता,
प्यार का निर्मल
बहाव है पिता,
अनुभवों की खान
है पिता,
हम सबका सम्मान
है पिता।
Happy Fathers Day.
फादर्स डे की हार्दिक शुभ कामनाएं
जिंदगी की धूप से बचने
आज फिर उसके पास आया हूं,
वो पिता मेरे आंगन में लगे
नीम के पेड़ जैसा है।
आज फिर उसके पास आया हूं,
वो पिता मेरे आंगन में लगे
नीम के पेड़ जैसा है।
उन उँगलियों का स्पर्श आज भी याद है,
जिनसे इन कदमों में जान आती थी।
जिनसे इन कदमों में जान आती थी।
बेफ़िक्री का आलम कभी ऐसा न था
जो बचपन में पिता के आस पास होती थी।
जो बचपन में पिता के आस पास होती थी।