श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शायरी SMS -
जन्माष्टमी विशेष ( 18 अगस्त 2014) - गजल
वृंदावन के कृष्ण कन्हैया अल्ला हू,
बंसी, राधा, गीता, गैया अल्ला हू.
बंसी, राधा, गीता, गैया अल्ला हू.
थोड़े तिनके, थोड़े दाने, थोड़ा जल,
एक ही जैसी हर गोरैया अल्ला हू.
एक ही जैसी हर गोरैया अल्ला हू.
जैसा जिसका बरतन वैसा उसका तन,
घटती-बढ़ती गंगा मैया अल्ला हू.
घटती-बढ़ती गंगा मैया अल्ला हू.
मौलवियों का सज्दा, पंडित की पूजा,
मजदूरों की हैया-हैया अल्ला हू.
मजदूरों की हैया-हैया अल्ला हू.
राजस्थानी राखी मुगल कलाई पर,
चिश्ती के वरदान का भैया अल्ला हू.
चिश्ती के वरदान का भैया अल्ला हू.
एक ही दर्या-नीला, पीला,लाल, हरा,
सबकी अपनी-अपनी नैया अल्ला हू.
सबकी अपनी-अपनी नैया अल्ला हू.
-- निदा फाजली