BEST HINDI/URDU SHAYARI COLLECTION OF BARASAT, BARISH, GHATA, MAUSAM
हिन्दी/उर्दू शायरी कहकशां - बारिश, बरसात,घटा, मौसम
प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं,
कैसा बादल है कि जिसका कोई भी साया भी नहीं।
-- क़तील शिफ़ाई
कैसा बादल है कि जिसका कोई भी साया भी नहीं।
-- क़तील शिफ़ाई
कभी किसी के छत पर कोई पत्थर फेंके मत बारिश में,
कहां जायेंगे लोग बेचारे टूट गई गर छत बारिश में।
-- स्व. मुकीम भारती
कहां जायेंगे लोग बेचारे टूट गई गर छत बारिश में।
-- स्व. मुकीम भारती
गुज़रे दिनों की याद बरसती घटा लगे,
गुजरूं जो उस गली से तो ठंडी हवा लगे।
-- क़तील शिफ़ाई
गुजरूं जो उस गली से तो ठंडी हवा लगे।
-- क़तील शिफ़ाई
घनघोर घटाएं हैं आसार है बारिश के,
निकलो न अभी घर से कागज का बदन लेकर।
-- मोहसिन सुहैल
निकलो न अभी घर से कागज का बदन लेकर।
-- मोहसिन सुहैल
दिल में है लगी आग तो आंखों में हैं आंसू,
बरसात में जलता हुआ घर देख रहा हूं।
-- सुखनवर हुसैन
बरसात में जलता हुआ घर देख रहा हूं।
-- सुखनवर हुसैन
काश तुम घटा लेकर गेसुओं की आ जाते,
दिल पे आग बरसाई रात भर सितारों ने।
-- अमीर अली अमीर
दिल पे आग बरसाई रात भर सितारों ने।
-- अमीर अली अमीर