न्यू ईयर शायरी

नववर्ष 2017 पर चुनिंदा हृदयस्पर्शी शेरो-शायरी संग्रह
Best Collection of HAPPY NEW YEAR 2017 Heart Touching Shayari
NEW YEAR 2017 : Best Hindi Shayari Collection

गुजरते वक्त के बुझते हुए चिरागों से, 
नए चिराग जलाओ तो कोई बात बने।
-- माहिर इकबाल इलाहाबादी


रफ़्तार-ए-उम्र कत-ए-रह-ए-इज्तिराब है
इस साल के हिसाब को बर्क आफ़ताब है।
-- ग़ालिब

साल भर मागूंगा खुशियां की दुआ तेरे लिए, 
साथ कुछ दिन साल के रख लो अगर मेरे लिए।
-- नामालूम


कई साल से कुछ ख़बर ही नहीँ,
कहाँ दिन गुजारा कहाँ रात की। 
-- डॉ. बशीर बद्र

कैसे कह दूँ कि नये साल में कुछ बदलूंगा, 
मेरे हाथों की लकीरें तो मकड़ जाला हैं।
-- चिराग रुदौलवी

साल बदला नज़ारे वही हैं, बदनसीबी के मारे वही हैं, 
सिर्फ बदले हैं अपने कैलेंडर, चाँद सूरज सितारे वही हैं। 
-- चिराग़ रुदौल्वी

पुराने साल का पुराना गम भूल जा मेरे हमदम,
नये साल में खुशियाँ हो ज्यादा और दुःख हो कम।
-- नामालूम

ताजा हवा के झोंकों से खुलती हैं सरहदें,
बिछड़े हुए लोगों को मिलायेगा नया साल।
-- स्व. इशरत मीर


खुदा करे तेरी फूलों में जिंदगी गुजरे,
ये साले-नव का हरेक पल हंसी ख़ुशी गुजरे।
-- मोहसिन सुहैल
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न्यू ईयर शायरी

नववर्ष 2017 : नये साल की बेहतरीन हिन्दी शायरी
BEST HINDI SHAYRI MESSAGE FOR NEW YEAR 2017 -



गुजिश्ता साल में जो कुछ हुआ बुरा ही हुआ,
उम्मीद है ये नया कुछ भला होगा।
-- काविश हैदरी
जग पुराना है चाँद- सूरज भी,
इस नये साल में नया क्या है।
-- सुख़नवर हुसैन
कितने साल गुज़र गए तेरे दीदार के लिए,
अब कुछ गुल भी ले आना इस मजार के लिए।
-- दीदार
साल भर मागूंगा खुशियाँ की दुआ तेरे लिए,
साथ कुछ दिन के रख लो अगर मेरे लिए।
-- नामालूम
एक दिन का वादा कब पूरा हुआ,
दिन महीना साल सब पूरा हुआ।
-- स्व. रज़ा हैदरी
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नववर्ष 2017 - बेस्ट हिन्दी शायरी 
NEW YEAR 2017 - BEST HINDI SHAYRI

साल भर मागूंगा खुशियों की दुआ तेरे लिए, 
साथ कुछ दिन साल के रख लो अगर मेरे लिए।
-- नामालूम

पुराने साल का पुराना गम भूल जा मेरे हमदम, 
नये साल में खुशियां हो ज्यादा और दुख हो कम।
-- नामालूम

हजार बार नये साल का नया सूरज,
लुटा चुका है शुआएं महल सराओं पर।
मगर बुझा सा अभी तक है झोपड़ों का दीया,
चिमट रही है सियाही गरीब खानों पर।
-- नदीम कासिमी

जग पुराना है चाँद-सूरज भी,
इस नये साल में नया क्या है।
-- सुखनवर हुसैन

गुजिश्ता साल में जो कुछ हुआ बुरा ही हुआ,
उम्मीद है ये नया कुछ भला होगा।
-- काविश हैदरी

ताजा हवा के झोंकों से खुलती है सरहदें,
बिछड़े हुए लोगों को मिलाएगा नया साल।
-- स्व. इशरत मीर

कई साल से कुछ खबर ही नहीं, 
कहाँ दिन गुजारा कहाँ रात की।
-- डॉ. बशीर बद्र

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