Wednesday, December 30, 2015

HAPPY NEW YEAR 2017 SHAYRI -


नववर्ष 2017  हिन्दी शायरी मैसेज,फोटो, कोट्स :
NEW YEAR 2017 - BEST HINDI SHAYRI MESSAGE -










Monday, December 7, 2015

नववर्ष 2017 : नववर्ष पर बेहतरीन हिन्दी शायरी


नववर्ष 2017 : नये साल की बेहतरीन हिन्दी शायरी
BEST HINDI SHAYRI MESSAGE FOR NEW YEAR 2017 -



गुजिश्ता साल में जो कुछ हुआ बुरा ही हुआ,
उम्मीद है ये नया कुछ भला होगा।
-- काविश हैदरी
जग पुराना है चाँद- सूरज भी,
इस नये साल में नया क्या है।
-- सुख़नवर हुसैन
कितने साल गुज़र गए तेरे दीदार के लिए,
अब कुछ गुल भी ले आना इस मजार के लिए।
-- दीदार
साल भर मागूंगा खुशियाँ की दुआ तेरे लिए,
साथ कुछ दिन के रख लो अगर मेरे लिए।
-- नामालूम
एक दिन का वादा कब पूरा हुआ,
दिन महीना साल सब पूरा हुआ।
-- स्व. रज़ा हैदरी

Thursday, November 19, 2015

इश्क़ पर बेहतरीन हृदयस्पर्शी शायरी


हिन्दी शेरो-शायरी -
इश्क़ पर बेहतरीन हृदयस्पर्शी शायरी -


मरीजे इश्क़ पर रहमत खुदा की।
मर्ज बढ़ता गया ज्यूं ज्यूं न दवा की।।
-- नामालूम
अब इत्र भी मलो तो मोहब्बत की बू नहीं,
वो दिन हवा हुए कि जब पसीना गुलाब था।
-- माधोराम 'जौहर'
मकतबे-इश्क का 'मोमिन' है निराला दस्तूर,
उसको छुट्टी न मिली जिसको सबक याद हुआ।
-- नामालूम
इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के।
-- मिर्जा ग़ालिब


Thursday, November 5, 2015

दीपावली विशेष 2015 : उजाले की शायरी


DEEPAWALI 2015 - BEST SHAYRI MESSAGE


रोशनी तेज करो चाँद सितारों अपनी,
मुझ को मंजिल पे पहुंचना है सहर होने तक।
-- फलक देहलवी

लोग लड़ते रहे रोशनी के लिए
घुप्प अंधेरों का साम्राज्य चलता रहा
दीप था मैं मगर मैं भी खुदगर्ज था,
अपने कमरे में चुपचाप जलता रहा।
-- प्रवीण प्रवाह

इतना सच बोल के होठों का तबस्सुम न बुझे,
रोशनी खत्म न कर आगे अंधेरा होगा।
-- निदा फ़ाजली

बुझा दो आज की शब बज्म के सारे चिरागों को,
रुखे रोशन के आगे रोशनी अच्छी नहीं लगती।
-- मोहसिन अली सुहैल

जहां रहेगा वहीं रोशनी लुटाएगा
किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता.
-- वसीम बरेलवी


Sunday, October 25, 2015

बेहतरीन शायरी संग्रह


BEST SHAYRI COLLECTION -


मुझ सा बुरा न कोय
न थी हाल की जब हमें अपनी खबर
रहे देखते औरों के ऐबो-हुनर
पड़ी अपनी बुराइयों पे जो नजर
तो निगाह में कोई बुरा न रहा।
              -- बहादुरशाह 'जफर'

खुद क्या हैं
जो चाहिए देखना न देखा हमने
हर शै पे किया है गौर क्या हमने
औरों का समझना तो बहुत मुश्किल है
खुद क्या हैं इसी को कुछ न समझा हमने।
                           -- 'शाद' अजीमाबादी


Saturday, October 10, 2015

ऊर्दू शायरी - दुनिया


बेहतरीन ऊर्दू शेरो-शायरी-


दुनिया

दुनिया भी अजब सरा-ए-फानी देखी।
हर चीज यहां की आनी-जानी देखी।
जो आके न जाए वो बुढ़ापा देखा,
जो जाके न जाए वो जवानी देखी।।
क्या-क्या दुनिया से साहिबे-माल गये।
दौलत न गई साथ, न अतफाल गये।
पहुंचा के लहद तक फिर आये सब लोग,
हमराह अगर गये तो आमाल गये।।
                         -- मीर 'अनीस'

शब्दार्थ - सरा-ए-फानी = नाशवान स्थान।
साहिबे माल = संपत्ति के स्वामी।
अतफाल = बालबच्चे।
लहद = कब्र।
हमराह = साथ साथ।
आमाल = कर्म।

Wednesday, September 30, 2015

मौत पर बेहतरीन हृदयस्पर्शी शेरो शायरी


HEART TOUCH HINDI SHAYRI -


" मौत तो उसकी है, करे जिसका जमाना अफसोस,
यूं तो दुनिया में सभी आये हैं मरने के लिए।"
-- 'महमूद' रामपुरी

" गमे जमाना जिसे आप मौत कहते हैं,
अगर ये मौत न मिलती तो मर गये होते।"
-- मोहम्मद अली 'ताज'

" उम्र फानी है तो फिर मौत से डरना कैसा
इक न इक रोज यह हंगामा हुआ रक्खा है।"
-- आसी

" जिंदगी से तो खैर शिकवा था
मुद्दतों मौत ने भी तरसाया।"
-- नरेश कुमार 'शाद'

Thursday, September 24, 2015

ईद पर बेहतरीन शायरी -





BEST COLLECTION OF EID MUBARAK SHAYRI- 

मुझे मिल गया बहाना तेरे दीद का,
कैसी खुशी ले के आया चाँद ईद का।
-- मजरुह सुल्तानपुरी

फलक के चाँद का क्या है दिखे, दिखे न दिखे,
तुम्हीं नक़ाब उठा दो तो ईद हो जाए।
-- नामालूम

चाँद नहीं है ईद का लेकिन अक्सर ईद की खुशियों का,
चाँद से पहले देता है पैगाम तुम्हारा नाम।
--जफर गोरखपुरी


Tuesday, September 15, 2015

हृदयस्पर्शी हिंदी शेरो शायरी


BEST HEART TOUCH HINDI SHAYRI


दुविधा पैदा कर दे दिलों में ईमानों को दे टकराने
बात वो कह ऐ इश्क कि सुनकर सब कायल हो कोई न माने
कांटा काटें से निकलेगा ऐसे में फूल का काम नहीं
चुभने वाली बात तो कहिए चाहे कोई बुरा ही माने।
-- फ़िराक गोरखपुरी

सुन के तेरा नाम आंखें खोल देता था कोई।
आज तेरा नाम लेकर कोई ग़ाफिल हो गया।
मौत आने तक न आये अब जो आये हो, तो हाय,
जिंदगी मुश्किल ही थी, मरना भी मुश्किल हो गया।
-- शौकत अली खां 'फानी'

जरा सी देर को आए थे ख्वाब आंखों में
फिर उसके बाद मुसलसल अजाब था आंखों में
वो जिस के नाम की निस्तब से रोशन था वजूद
खटक रहा है वही आफ़ताब आंखों में।
-- इफ्तिखार आरिफ़

Friday, September 4, 2015

जन्माष्टमी विशेष :


भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर निदा फ़ाजली जी का गजल -

वृंदावन के कृष्ण कन्हैया अल्ला हू,
बंशी, राधा, गीता, गैया अल्ला हू।

थोड़े तिनके, थोड़े दाने, थोड़ा जल,
एक ही जैसी हर गोरैया अल्ला हू।

जैसा जिसका बरतन वैसा उसका तन,
घटती-बढ़ती गंगा मैया अल्ला हू।

मौलवियों का सज्दा, पंडित की पूजा,
मजदूरों की हैया-हैया अल्ला हू।

राजस्थानी राखी मुगल कलाई पर,
चिश्ती के वरदान का भैया अल्ला हू।

एक ही दर्या-नीला, पीला, लाल, हरा,
सबकी अपनी-अपनी नैया अल्ला हू।

                           -- निदा फ़ाजली

Sunday, August 2, 2015

शेरो शायरी: मुलाकात


BEST HINDI SHAYRI -
मुलाकात पर बेहतरीन शायरी -

उस अजनबी की बात में कितनी मिठास थी,
दो पल की मुलाकात थी पर अब भी याद है।
-- स्व. चिराग रुदौल्वी


तुझे देखा नहीं है फिर भी तुमसे,
मेरी अक्सर मुलाकातें रही है।
-- कमर शेरवानी


न जी भर के देखा न कुछ बात की,
बड़ी आरजू थी मुलाकात की।
-- बशीर बद्र


नक्शा उठाके कोई नया शहर ढूंढीये,
इस शहर में तो सबसे मुलाकात हो गई।
-- निदा फ़ाजली


राह पर उनको लगा लाए तो हैं बातों में,
और खुल जाएंगे दो चार मुलाकातों में।
-- दाग़



Tuesday, July 21, 2015

शेरो- शायरी : ईद पर बेहतरीन शायरी


ईद पर बेहतरीन शायरी

ईद की ख़ुशी हम मनायें तो मनायें कैसे,
तुम्हें अपने करीब बुलायें तो बुलायें कैसे।
-- आसिफ रजा

झूम के लम्हात आए प्यारे-प्यारे ईद के,
शुक्र है रब ने दिखाए फिर नजारे ईद के.
-- नामालूम

मुझे मिल गया बहाना तेरे दीद का,
कैसी ख़ुशी ले के आया चाँद ईद का.
-- मजरूह सुल्तानपुरी

मेरे जिंदगी के मालिक मेरे दिल पे हाथ रखना,
तेरे आने की ख़ुशी में मेरा दम निकल न जाये.
-- अनवर मिर्जापुरी

कुछ सितारे तेरी पलको में भी रौशन होंगे,
कुछ रुलाएगा मुझे भी तेरा गम ईद के दिन.
-- नामालूम

आपको ईद की ख़ुशियाँ हों मुबारक लेकिन,
आपने चाँद नहीं आईना देखा होगा।
-- नामालूम

दिल में आई है याद यूं उनकी,
जैसे उभरे फलक पे ईद का चाँद।
-- जहीर निसार



Monday, July 6, 2015

शेरो-शायरी : बशीर बद्र
















हमारा दिल सवेरे का सुनहरा जाम हो जाये
चराग़ों की तरह आँखें जलें जब शाम हो जाये


कभी तो आसमां से चाँद उतरे जाम हो जाये
तुम्हारे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हो जाये


अजब हालात थे यूं दिल का सौदा हो गया आख़िर
मुहब्बत की हवेली जिस तरह नीलाम हो जाये


समन्दर के सफ़र में इस तरह आवाज़ दे हमको
हवाएँ तेज़ हों और कश्तियों में शाम हो जाये


मुझे मालूम है उसका ठिकाना फिर कहाँ होगा
परिन्दा आसमां छूने में जब नाकाम हो जाये


उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये।

-- बशीर बद्र 


Sunday, June 28, 2015

बारिश पर बेहतरीन शेरो-शायरी - कहकशां - बारिश ,बरसात,घनघोर घटा

















कहकशां - बारिश ,बरसात,घनघोर घटा

घनघोर घटाएं हैं आसार हैं बारिश के,
निकलो न अभी घर से काग़ज का बदन लेकर।
-- मोहसिन अली सुहैल

किसने भीगी हुई जुल्फों से ये झटका पानी,
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी।
-- आरजू लखनवी

काश तुम घटा लेकर गेसुओं की आ जाते,
दिल पे आग बरसाई रात भर सितारों ने।
-- अमीर अली अमीर

दिल में है लगी आग तो आंखों में हैं आंसू,
बरसात में जलता हुआ घर देख रहा हूँ।
-- सुखनवर हुसैन

कागज़ी जिस्म हैं जिनके वो घरों को जाएँ,
मुझको बरसात के मौसम का मजा लेने दो
-- स्व. रज़ा हैदरी


Tuesday, June 23, 2015

बेहतरीन हिन्दी शायरी -





















अमल से जिन्दगी बनती है, जन्नत भी जहन्नुम भी
ये खाक़ी अपनी फ़ितरत में, न नूरी है न नारी है।
-- इक़बाल
शब्दार्थ - 
खाकी - मनुष्य.
नूरी - दिव्य. 
नारी - नारकीय।

बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना
आदमी को भी मयस्सर नहीं इन्सां होना।
-- ग़ालिब


Sunday, June 21, 2015

फादर्स डे बेस्ट मैसेज कलेक्शन ( BEST MESSAGE COLLECTION FOR FATHER'S DAY ) 21 जून 2015 -


Father's Day SMS Quotes for Whatsapp & Facebook -

जिनकी ऊँगली थाम चलना सीखा
जिनके कंधे बैठ हंसना सीखा,
जिनके प्यार से बनी ये जिंदगी
उस पिता को बारंबार बंदगी।

HAPPY FATHER'S DAY

हर मुश्किल खुद झेल के
आगे सदा बढ़ाया हमको,
जीवन जीने का हर पाठ
गहरा ज्ञान सिखाया हमको,
ऊंचे-नीचे रास्तों में लगा गिरने
प्यार से तब उठाया हमको,
हर एक डांट में सीख थी उनकी
हर संघर्ष में आगे बढ़ाया हमको।

फादर्स डे की हार्दिक शुभ कामनाएं।

Wednesday, June 17, 2015

कहकशाँ - शेरो-शायरी - मंजर, नजारा


कहकशाँ - शेरो-शायरी - मंजर, नजारा
















प्यारे प्यारे मंजर लिखना
जो कुछ लिखना सुंदर लिखना
लिखना सोच-समझकर लेकिन
सच्ची बात बराबर लिखना।
-- राही बालाघाटी

हर रस्ता हर मंजर अब तो कोई फसाना लगता है,
जबसे तुम आए हो सारा शहर सुहाना लगता है।
-- निदा फ़ाजली

नजारा हमने है देखा तेरी नजरों के तीरों का,
कि घायल कर दिया जालिम ये पत्थर दिल को भी तूने।
-- डॉ. नथमल झंवर

झिलमिला के रह गये सब तेरी यादों के चिराग,
सामने फिर टूटते तारों के मंजर रह गये।
-- कंवल पानीपती

कितने हंसते हुए मौसम अभी आते लेकिन,
एक ही धूप ने कुम्हला दिया वे मंजर मेरा।
-- अतहर नफीस


Wednesday, June 10, 2015

हृदयस्पर्शी शेरो शायरी -


हृदयस्पर्शी शेरो शायरी -

गम का फ़साना सुनने वालो आखिर ए शब आराम करो,
कल ये कहानी फिर छेड़ेंगे हम भी जरा अब सो ले हैं।
-- फिराक़ गोरखपुरी

गुलशन की फ़कत फूलों से नहीं, कांटों से भी जीनत होती है,
जीने के लिए इस दुनिया में गम की भी जरूरत होती है।
-- सबा अफगानी

बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ए जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।
जिसे सूरत बताते हैं पता देती है सीरत का,
इबारत देख कर जिस तरह मानी जान लेते हैं।
--फ़िराक गोरखपुरी

शौक का मर्सिया न पढ़, इश्क की बेबसी न देख,
उसकी खुशी खुशी समझ, अपनी खुशी खुशी न देख।
यह भी तेरी तरह कभी रुख से नकाब उलट न दे,
हुस्न पै अपने रहम कर इश्क की सादगी न देख।
-- सिकंदर अली 'जिगर मुरादाबादी'


Wednesday, May 27, 2015

जिंदगी पर बेहतरीन शायरी


जिंदगी पर बेहतरीन शायरी -

अकबर जो जिंदगी को भी समझे न जिंदगी,
उन हस्तियों से मौत भी खुद शर्मसार है।
-- अकबर उदयपुरी
जिंदगी इक आंसुओं का जाम था,
पी गये कुछ और कुछ छलका गये।
-- शाहिद कबीर
दो दिन की जिंदगी में क्या कुछ करेगा कोई,
आने का एक दिन है, जाने का एक दिन है।
-- अरशद इटावी
अब भी इक उम्र पे, जीने का न अंदाज आया,
जिन्दगी छोड़ दे पीछा मेरा, मैं बाज आया।
-- शाद अजीमाबादी
गुर जिंदगी के सीखे, खिलती हुई कली से,
लब पर है मुस्कुराहट, दिल खून हो रहा है।
-- फिराक गोरखपुरी
जिन्दगी की राहों में, गम भी साथ चलते हैं,
कोई गम में हंसता है, कोई गम में रोता है।
-- खातिर गजनवी

Saturday, May 9, 2015

मातृ दिवस (मदर्स डे) शायरी -


MOTHERS DAY - BEST SHAYRI

मामूली एक कलम से कहां तक घसीट लाए
हम इस गजल को कोठे से मां तक घसीट लाए।

मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसू
मुद्दतों मां ने नहीं धोया दुपट्टा अपना।

लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती।

अब भी चलती है जब आंधी कभी गम की 'राना'
मां की ममता मुझे बांहों में छुपा लेती है।

मुसीबत के दिनों में हमेशा साथ रहती है
पयम्बर क्या परेशानी में उम्मत छोड़ सकता है।

जब तक रहा हूं धूप में चादर बना रहा
मैं अपनी मां का आखिरी जेवर बना रहा।
-- सभी शेर 'मुनव्वर राणा'

Monday, May 4, 2015

हृदयस्पर्शी हिन्दी शायरी -


हृदयस्पर्शी हिन्दी शायरी -

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो।
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए।।
-- बशीर बद्र

कभी-कभी वहां किस्मत ही काम आती है।
जहां किसी के सहारे नजर नहीं आते।।
-- फलक देहलवी

यूं तसल्ली दे रहे हैं हम दिले-बीमार को।
जिस तरह थामे कोई गिरती हुई दीवार को।।
-- कतील शिफाई

गले लगाया था हमने ही सब जमाने को।
हमीं पे उठती हैं अब उंगलियां जमाने की।।
-- सहर जयपुरी

एक दिन कह लीजिये, जो कुछ है दिल में आपके।
एक दिन सुन लीजिये, जो कुछ हमारे दिल में है।।
-- जोश मलीहाबादी


Monday, April 13, 2015

अपने दोस्तों को भेजें ये बेहतरीन शायरी -


BEST SHAYRI FOR FRIEND - 

रोशनी औरों के आंगन में गवारा न सही
कम से कम अपने ही घर में तो उजाला कीजे।
क्या खबर कब वो चले आयेंगे मिलने के लिए
रोज पलकों पे नई शम्में जलाया कीजे।
-- रईस अख्तर
दालानों की धूप, छतों की शाम कहां,
घर के बाहर घर जैसा आराम कहां।
दिनभर सूरज किसका पीछा करता है,
रोज पहाड़ी पर जाती है शाम कहां।
-- बशीर बद्र
चलो बांट लेते हैं अपनी सजायें,
न तुम याद आओ न हम याद आयें।
सभी ने लगाया है चेहरे पे चेहरा,
किसे याद रखें किसे भूल जायें।
-- सरदार अंजुम
रफ़्ता रफ़्ता ग़ैर अपनी नजर में हो गए
वाह री गफ़लत तुझे समझ बैठे थे हम।
-- फिराक गोरखपुरी
आंसुओं से ही सही भर गया दामन मेरा
हाथ तो मैंने उठाए थे दुआ किसकी थी।
-- मुजफ्फर वारसी

Sunday, March 29, 2015

महान शायरों के शेर ओ रुबाइयां


कौन रोता है किसी और की खातिर ऐ दोस्त,
सबको अपनी ही किसी बात पे रोना आया।
-- साहिर लुधियानवी
क्या जाने दो घड़ी वो रहे 'जौक' किस तरह,
फिर न तो ठहरे पांव घड़ी दो घड़ी के बाद।
-- जौक
पत्थर को तराश कर बनाता है वो बुत
मैं बुत को तराश कर बनाता हूं खुदा।
-- जोश मलीहाबादी
किसको रोता है उम्र भर कोई
आदमी जल्द भूल जाता है।
-- फिराक
गर जिन्दगी में मिल गए फिर इत्तिफाक से
पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम।
-- साहिर

दिल छू लेने वाली शायरी -


गुलशन-परस्त हूँ मुझे गुल ही नहीं अजीज,
कांटों से भी निबाह किए जा रहा हूँ मैं।
-- जिगर मुरादाबादी
लबों पे मौजे-तबस्सुम और आंख में आंसू,
अजीब होती है हालत कभी-कभी मेरी।
-- फलक देहलवी
इंसानियत को खून के आंसू रुला दिए,
इन्सां को अपनी कौन खूबी पे नाज है।
-- आरिफ बीकानेरी
पाक दामन हो तो, अरमाने विशाल अच्छा है,
अच्छी नीयत हो तो अच्छों का ख्याल अच्छा है।
-- अमीर मिनाई
आंख पड़ती है कहीं, पांव कहीं पड़ता है,
सबकी है तुमको खबर, अपनी खबर कुछ भी नहीं।
-- दाग 

Friday, March 6, 2015

हृदयस्पर्शी शायरी


BEST HINDI SHAYRI -

चलो आज जी भर के आंसू बहा लें,
यह तारों भरी रात फिर आए न आए।
-- खिजां गाजीपुरी
मेरे अश्कों का करिश्मा देखिए,
सामने वो मुस्कराकर आ गये।
-- साजन पेशावरी
कामयाबी के न मिलने पर है मायूस क्यों,
सब तेरा चाहा हुआ हो, यह जरूरी तो नहीं।
-- 'राणा' प्रतापसिंह
खुदा करे कभी ये दर्द कम न हो 'राशिद',
बड़ा मजा है मुहब्बत के तीर खाने में।
-- राशिद
दुनिया का एतबार करे भी तो क्या करें,
आंसू तो अपनी आंख का अपना हुआ नहीं।
-- अदीब मुआज्जि हुसैन


होली 2015 शायरी विशेष : बेस्ट शायरी - होली के लिए


BEST HINDI SHAYRI FOR HOLI 2015 -

जमाने के लिए आज होली है मगर,
मुझे तो उसकी यादें रोज रंग जाती हैं।

कैसे खेलें अब हम होली,
वो तो किसी और की हो ली।

बाहर रंगों की बहार है,
पर भीतर सन्नाटा अपार है।

Monday, January 26, 2015

गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) : शेरो-शायरी देशभक्तिपूर्ण गजल


महान क्रान्तिकारी रामप्रसाद 'बिस्मिल' द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध देशभक्तिपूर्ण गजल -

सरफरोशी की तमन्ना
सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।
देखना है ज़ोर कितना, बाज़ु-ए-कातिल में है?
वक्त आने दे बता, देंगे तुझे ए आस्माँ!
हम अभी से क्या बतायें, क्या हमारे दिल में है?
एक से करता नहीं क्यों, दूसरा कुछ बातचीत;
देखता हूँ मैं जिसे वो, चुप तेरी महफ़िल में है।
रहबरे-राहे-मुहब्बत, रह न जाना राह में;
लज्जते-सहरा-नवर्दी, दूरि-ए-मंजिल में है।
अब न अगले वलवले हैं और न अरमानों की भीड़;
एक मिट जाने की हसरत, अब दिले-'बिस्मिल' में है।
ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत, मैं तेरे ऊपर निसार;
अब तेरी हिम्मत का चर्चा, गैर की महफ़िल में है।
खींच कर लायी है सबको, कत्ल होने की उम्मीद;
आशिकों का आज जमघट, कूच-ए-कातिल में है।
है लिये हथियार दुश्मन, ताक में बैठा उधर;
और हम तैय्यार हैं; सीना लिये अपना इधर।
खून से खेलेंगे होली; गर वतन मुश्किल में है;
सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।
हाथ जिन में हो जुनूँ, कटते नही तलवार से;
सर जो उठ जाते हैं वो, झुकते नहीं ललकार से।
और भड़केगा जो शोला, सा हमारे दिल में है;
सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।
हम तो निकले ही थे घर से, बाँधकर सर पे कफ़न;
जाँ हथेली पर लिये लो, बढ चले हैं ये कदम।
जिन्दगी तो अपनी महमाँ, मौत की महफ़िल में है;
सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।
यूँ खड़ा मकतल में, कातिल कह रहा है बार-बार;
क्या तमन्ना-ए-शहादत, भी किसी के दिल में है?
सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है;
देखना है जोर कितना, बाजु-ए-कातिल में है?
दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब;
होश दुश्मन के उड़ा, देंगे हमें रोको न आज।
दूर रह पाये जो हमसे, दम कहाँ मंज़िल में है;
सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।
जिस्म वो क्या जिस्म है, जिसमें न हो खूने-जुनूँ;
क्या वो तूफाँ से लड़े, जो कश्ती-ए-साहिल में है।
सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है;
देखना है ज़ोर कितना, बाज़ु-ए-कातिल में है।


Wednesday, January 21, 2015

वेलेंटाइन डे 2015 - बेहतरीन शायरी


VALENTINE DAY 2017 - BEST SHAYRI 

मुहब्बत के लिए कुछ खास दिल मखसूस होते हैं!
ये वो नगमा है, जो हर साज पर गाया नहीं जाता!!          
-- मखमूर देहलवी
चाहत नहीं छुपेगी, इसे लाख छुपाओ !
खुशबू पे किसी फूल के पहरा नहीं होता !!
-- नरोत्तम शर्मा
ये इश्क नहीं आसां, बस इतना समझ लीजे !
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है !!
-- जिगर मुरादाबादी
मुहब्बत की नहीं जाती, मुहब्बत हो जाती है !
ये शोला खुद भड़क उठता है, भड़काया नहीं जाता !! 
-- मखमूर देहलवी
इश्क ने ‘गालिब’ निकम्मा कर दिया !
वरना हम भी आदमी थे काम के !!
-- मिर्जा गालिब