Monday, May 4, 2015

हृदयस्पर्शी हिन्दी शायरी -


हृदयस्पर्शी हिन्दी शायरी -

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो।
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए।।
-- बशीर बद्र

कभी-कभी वहां किस्मत ही काम आती है।
जहां किसी के सहारे नजर नहीं आते।।
-- फलक देहलवी

यूं तसल्ली दे रहे हैं हम दिले-बीमार को।
जिस तरह थामे कोई गिरती हुई दीवार को।।
-- कतील शिफाई

गले लगाया था हमने ही सब जमाने को।
हमीं पे उठती हैं अब उंगलियां जमाने की।।
-- सहर जयपुरी

एक दिन कह लीजिये, जो कुछ है दिल में आपके।
एक दिन सुन लीजिये, जो कुछ हमारे दिल में है।।
-- जोश मलीहाबादी


No comments:

Post a Comment