Sunday, June 28, 2015

बारिश पर बेहतरीन शेरो-शायरी - कहकशां - बारिश ,बरसात,घनघोर घटा

















कहकशां - बारिश ,बरसात,घनघोर घटा

घनघोर घटाएं हैं आसार हैं बारिश के,
निकलो न अभी घर से काग़ज का बदन लेकर।
-- मोहसिन अली सुहैल

किसने भीगी हुई जुल्फों से ये झटका पानी,
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी।
-- आरजू लखनवी

काश तुम घटा लेकर गेसुओं की आ जाते,
दिल पे आग बरसाई रात भर सितारों ने।
-- अमीर अली अमीर

दिल में है लगी आग तो आंखों में हैं आंसू,
बरसात में जलता हुआ घर देख रहा हूँ।
-- सुखनवर हुसैन

कागज़ी जिस्म हैं जिनके वो घरों को जाएँ,
मुझको बरसात के मौसम का मजा लेने दो
-- स्व. रज़ा हैदरी


Tuesday, June 23, 2015

बेहतरीन हिन्दी शायरी -





















अमल से जिन्दगी बनती है, जन्नत भी जहन्नुम भी
ये खाक़ी अपनी फ़ितरत में, न नूरी है न नारी है।
-- इक़बाल
शब्दार्थ - 
खाकी - मनुष्य.
नूरी - दिव्य. 
नारी - नारकीय।

बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना
आदमी को भी मयस्सर नहीं इन्सां होना।
-- ग़ालिब


Sunday, June 21, 2015

फादर्स डे बेस्ट मैसेज कलेक्शन ( BEST MESSAGE COLLECTION FOR FATHER'S DAY ) 21 जून 2015 -


Father's Day SMS Quotes for Whatsapp & Facebook -

जिनकी ऊँगली थाम चलना सीखा
जिनके कंधे बैठ हंसना सीखा,
जिनके प्यार से बनी ये जिंदगी
उस पिता को बारंबार बंदगी।

HAPPY FATHER'S DAY

हर मुश्किल खुद झेल के
आगे सदा बढ़ाया हमको,
जीवन जीने का हर पाठ
गहरा ज्ञान सिखाया हमको,
ऊंचे-नीचे रास्तों में लगा गिरने
प्यार से तब उठाया हमको,
हर एक डांट में सीख थी उनकी
हर संघर्ष में आगे बढ़ाया हमको।

फादर्स डे की हार्दिक शुभ कामनाएं।

Wednesday, June 17, 2015

कहकशाँ - शेरो-शायरी - मंजर, नजारा


कहकशाँ - शेरो-शायरी - मंजर, नजारा
















प्यारे प्यारे मंजर लिखना
जो कुछ लिखना सुंदर लिखना
लिखना सोच-समझकर लेकिन
सच्ची बात बराबर लिखना।
-- राही बालाघाटी

हर रस्ता हर मंजर अब तो कोई फसाना लगता है,
जबसे तुम आए हो सारा शहर सुहाना लगता है।
-- निदा फ़ाजली

नजारा हमने है देखा तेरी नजरों के तीरों का,
कि घायल कर दिया जालिम ये पत्थर दिल को भी तूने।
-- डॉ. नथमल झंवर

झिलमिला के रह गये सब तेरी यादों के चिराग,
सामने फिर टूटते तारों के मंजर रह गये।
-- कंवल पानीपती

कितने हंसते हुए मौसम अभी आते लेकिन,
एक ही धूप ने कुम्हला दिया वे मंजर मेरा।
-- अतहर नफीस


Wednesday, June 10, 2015

हृदयस्पर्शी शेरो शायरी -


हृदयस्पर्शी शेरो शायरी -

गम का फ़साना सुनने वालो आखिर ए शब आराम करो,
कल ये कहानी फिर छेड़ेंगे हम भी जरा अब सो ले हैं।
-- फिराक़ गोरखपुरी

गुलशन की फ़कत फूलों से नहीं, कांटों से भी जीनत होती है,
जीने के लिए इस दुनिया में गम की भी जरूरत होती है।
-- सबा अफगानी

बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ए जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।
जिसे सूरत बताते हैं पता देती है सीरत का,
इबारत देख कर जिस तरह मानी जान लेते हैं।
--फ़िराक गोरखपुरी

शौक का मर्सिया न पढ़, इश्क की बेबसी न देख,
उसकी खुशी खुशी समझ, अपनी खुशी खुशी न देख।
यह भी तेरी तरह कभी रुख से नकाब उलट न दे,
हुस्न पै अपने रहम कर इश्क की सादगी न देख।
-- सिकंदर अली 'जिगर मुरादाबादी'