Wednesday, June 10, 2015

हृदयस्पर्शी शेरो शायरी -


हृदयस्पर्शी शेरो शायरी -

गम का फ़साना सुनने वालो आखिर ए शब आराम करो,
कल ये कहानी फिर छेड़ेंगे हम भी जरा अब सो ले हैं।
-- फिराक़ गोरखपुरी

गुलशन की फ़कत फूलों से नहीं, कांटों से भी जीनत होती है,
जीने के लिए इस दुनिया में गम की भी जरूरत होती है।
-- सबा अफगानी

बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ए जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।
जिसे सूरत बताते हैं पता देती है सीरत का,
इबारत देख कर जिस तरह मानी जान लेते हैं।
--फ़िराक गोरखपुरी

शौक का मर्सिया न पढ़, इश्क की बेबसी न देख,
उसकी खुशी खुशी समझ, अपनी खुशी खुशी न देख।
यह भी तेरी तरह कभी रुख से नकाब उलट न दे,
हुस्न पै अपने रहम कर इश्क की सादगी न देख।
-- सिकंदर अली 'जिगर मुरादाबादी'


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