Thursday, November 19, 2015

इश्क़ पर बेहतरीन हृदयस्पर्शी शायरी


हिन्दी शेरो-शायरी -
इश्क़ पर बेहतरीन हृदयस्पर्शी शायरी -


मरीजे इश्क़ पर रहमत खुदा की।
मर्ज बढ़ता गया ज्यूं ज्यूं न दवा की।।
-- नामालूम
अब इत्र भी मलो तो मोहब्बत की बू नहीं,
वो दिन हवा हुए कि जब पसीना गुलाब था।
-- माधोराम 'जौहर'
मकतबे-इश्क का 'मोमिन' है निराला दस्तूर,
उसको छुट्टी न मिली जिसको सबक याद हुआ।
-- नामालूम
इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के।
-- मिर्जा ग़ालिब


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