Friday, August 16, 2013

दिल्लगी पर एक बेहतरीन हिन्दी शायरी :-


दिल्लगी पर एक बेहतरीन हिन्दी शायरी :-

होठों के पास आये हसीं क्या मजाल है,
दिल का मुआमला है कोई दिल्लगी नहीं।
                            -- बहजाद लखनवी 


No comments:

Post a Comment