Friday, December 19, 2014

निदा फाजली - दिल को छू लेने वाली शायरी


निदा फाजली - दिल को छू लेने वाली शायरी
NIDA FAJLI - BEST SHAYRI

आईना देख के निकला था मैं घर से बाहर,
आज तक हाथ में महफूज है पत्थर मेरा।

हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी,
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी।

बाग में जाने के आदाब हुआ करते हैं,
किसी तितली को न फूलों से उड़ाया जाए।

क्या जाने यह आज का पत्थर दिल इंसान,
बच्चों के दुखदर्द में रोता है भगवान।

ऐ शाम के फरिश्तों जरा देख के चलो,
बच्चों ने साहिलों पे घरौंदे बनाये हैं।

घास पर खेलता है एक बच्चा
पास मां बैठी मुस्कुराती है।
मुझको हैरत है जाने क्यों दुनिया
मंदिरों-मस्जिदों में जाती है।

-- निदा फ़ाजली


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