Friday, March 4, 2016

शेरो-शायरी : बज़्म, महफ़िल

बेस्ट हिन्दी शायरी मैसेज कलेक्शन 
BEST HINDI SHAYRI MESSAGE COLLECTION


मुझे तो होश न था उनकी बज़्म में लेकिन,
खमोशियों ने मेरी उनसे कुछ कलाम किया।
-- बहज़ाद लखनवी
वो आए बज़्म में इतना तो मीर ने देखा,
फिर उसके बाद चिराग़ों में रौशनी न रही।
-- मीर तक़ी मीर
याद रखना हम अगर इससे निकाले जायेंगे,
अपनी इक महफ़िल सजा लेंगे तेरी महफ़िल के पास।
-- दाग़
भरी महफ़िल में हर इक से बचाकर,
तेरी आंखों ने मुझसे बात कर ली।
-- फिराक़ गोरखपुरी
चिराग़ बनके जले हैं तुम्हारी महफ़िल में,
वो जिनके घर में कभी रौशनी नहीं होती।
-- नरेश कुमार शाद

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