Saturday, October 26, 2013

चुनाव,इन्तेखाब,इलेक्शन पर हिन्दी शायरी :-


चुनाव,इन्तेखाब,इलेक्शन पर हिन्दी शायरी :-
Hindi Shayri on Chunaw,Intekhab,Ilection 

नया सवेरा भी शायद नसीब हो जाये,
हर एक की आज नजर मुल्क के चुनाव पे है।
-- अकबर हैदरी
वादों के पौधों में नेताजी डाल रहे हैं खाद,
कुर्सी मिलेगी मुरझाएंगे पौधे इलेक्शन के बाद।
-- नामालूम
विजय के बाद दिखाई न देंगे नेता जी,
हम उनको पहले भी देखे हैं इन्तेखाब के बाद।
-- मों युशा
जो मुश्किलों के भंवर में भी चार नाव करें,
हम ऐसे लोगों का इस मर्तबा चुनाव करें।
-- सुखनवर हुसैन
गरीबों को मिले गद्दी ये गुंडे गर्क हो जाये,
फतह हो नेक लोगों की इलेक्शन हो तो ऐसा हो।
-- स्व.मीर जगदलपुरी


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