Friday, January 24, 2014

गणतंत्र दिवस शायरी एस.एम.एस. 2014 :-


गणतंत्र दिवस शायरी एस.एम.एस. 2014 :-

मुल्क में ऐ दोस्तों इक इंकिलाब आने को है,
हर सवाले यास खुद लेकर जवाब आने को है।
                                     --गुलाम रब्बानी 

हुआ जाता है कैसे मुल्क पर कुर्बान लिख देता,
तुम अपने खून से घर-घर में हिन्दुस्तान लिख देना।
                                     -- नामालूम 

वतन के वास्ते ये जान क्या है,
नहीं है इश्क तो ईमान क्या है।
मैं हिन्दुस्तान का सच्चा सिपाही,
मेरी नजरों में पाकिस्तान क्या है।
                                     -- सुखनवर हुसैन 

अहले वतन समझते हैं उनको इमामे-हिन्द,
है राम के वजूद पे हिंदुस्तान को नाज।
                                     -- इक़बाल 

ऐसे घर में रहना कैसा जो परदेश में हो,
अपने वतन की कुटिया यारो हमको ताजमहल।
                                      -- जमाल हसन


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