Monday, May 5, 2014

महान शायरों के हृदयस्पर्शी शेर ओ रुबाइयाँ :-


जो दिल की है, वो बात नहीं होती
जो दिन न हो, वो रात नहीं होती
मिलते तो हैं अक्सर, जमाने से जोश
पर अपने आप से मुलाकात नहीं होती।
-- जोश मलीहाबादी

जो चाहिए देखना, न देखा हमने
हर-शै-पे किया है गौर क्या हमने
औरों का समझना तो मुश्किल है
खुद क्या हैं इसी को कुछ न समझा हमने।
-- शाद अजीमाबादी

करते नहीं कुछ काम तो, काम करना क्या आये
जीते-जी जान से गुजरना क्या आये
रो-रो के मौत मांगने वालों को
जीना नहीं आ सका तो मरना क्या आये।
-- 'फ़िराक' गोरखपुरी

इश्क ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के।
-- ग़ालिब

निगाहें तोड़ लेती हैं, मुहब्बत की अदाओं को,
छुपाने से जमाने भर में शोहरत और होती है।
-- वामिक जौनपुरी

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